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पद-परिचय शब्द की परिभाषा
– वर्णों
का सार्थक समूह
शब्द कहलाता है। पद
का परिचय- शब्द वाक्य
का मुख्य स्रोत
है। इनके बिना
वाक्य की कल्पना
नहीं की जा सकती
है। जब इसका (शब्द)
वाक्य में प्रयोग
होता है, तब
यह पद कहलाता है।
वाक्य में पद कहलाने
के पीछे भी एक कारण
है। वह इस प्रकार
है; एक शब्द
का जब वाक्य में
प्रयोग होता है,
तो वह व्याकरण
के नियमों से पूरी
तरह बंध जाता है
और यहाँ आकर उसका
अस्तित्व बदल
जाता है। नियमों
में बंधा शब्द
पद का रूप धारण
कर लेता है। अब
वह स्वतंत्र नहीं
होता। अब वह वाक्य
के क्रिया, लिंग, वचन
और कारक के नियमों
से अनुशासित होता
है। इस आधार पर
इसकी परिभाषा
इस प्रकार है- परिभाषा- वाक्य में प्रयोग
होने वाले शब्द
'पद' कहलाते
हैं। पद-परिचय
से संबंधित आवश्यक
बातें- वाक्य में प्रयुक्त
शब्द जब पद बन जाता
है, तब इसी
पद का परिचय दिया
जाता है। पद-परिचय
व्याकरणिक ज्ञान
के आधार पर दिया
जाता है। पद का
सही परिचय देने
के लिए आवश्यक
है कि हमें संज्ञा,
सर्वनाम, विशेषण, कारक,
अव्यय, लिंग,
क्रिया, वचन इत्यादि
का सही और पूरा
ज्ञान हो। इस तरह
हम उस पद का सही
परिचय दे पाएँगे।
पद-परिचय देते
समय आवश्यक बातों
का ध्यान रखना
परम आवश्यक है।
यदि इन बातों का
ध्यान रखा जाए,
तो पद-परिचय
देना सरल हो जाता
है। (1) संज्ञा- यदि वाक्य में
रेखांकित 'पद' संज्ञा
पद है, तो हमें
उसके भेद जिससे
वह संबंध रखता
हो; जैसे- व्यक्तिवाचक
संज्ञा, भाववाचक
संज्ञा और जातिवाचक
संज्ञा के विषय
में जानकारी देना
आवश्यक है। इसके
साथ ही वचन, लिंग, कारक
तथा क्रिया के
साथ पद का क्या
संबंध है? यह
बताना भी आवश्यक
है; जैसे- राम घर जा रहा है। राम
(पद-परिचय)- व्यक्तिवाचक
संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग,
'जा रहा है' क्रिया का कर्ता
है और कर्ता कारक
है। (2) सर्वनाम- वाक्य में रेखांकित
'पद' यदि
सर्वनाम पद है,
तो उसमें सर्वनाम
के सभी भेद; जैसे:-पुरुषवाचक
सर्वनाम (उसके
भेद), निश्चयवाचक
सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक
सर्वनाम, संबंधवाचक
सर्वनाम, निजवाचक
सर्वनाम इत्यादि
के विषय में जानकारी
देना आवश्यक है।
इसके साथ ही लिंग,
वचन, कारक,
तथा क्रिया
के साथ उसके (पद)
संबंध को दर्शाना
भी आवश्यक है। जैसे:-
वह क्या बोल रहा
था? वह
(पद-परिचय)- पुरुषवाचक
सर्वनाम (अन्य), पुल्लिंग,
एकवचन, कर्ता
कारक, 'बोल रहा
था' क्रिया
का कर्ता। (3) विशेषण- वाक्य में रेखांकित
'पद' यदि
विशेषण पद है,
तो विशेषण के
भेद जिससे पद संबंध
रखता हो; जैसे-
गुणवाचक विशेषण,
संख्यवाचक विशेषण, परिणामवाचक विशेषण और सार्वनामिक
विशेषण बताना
आवश्यक है। इसके
साथ ही लिंग, वचन और विशेष्य
के बारे में बताना
भी आवश्यक है। जैसे-
चतुर लड़की आ
रही है। चतुर
(पद-परिचय)- गुणवाचक
विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग
(लड़की-विशेष्य)। (4) क्रिया- वाक्य में रेखांकित
'पद' यदि
क्रिया पद है,
तो उसमें क्रिया
के भेद, लिंग,
वचन, धातु,
काल, वाच्य,
प्रयोग, कर्ता और कर्म
का संकेत इत्यादि
बताना आवश्यक
है। जैसे:-
वह धीरे दौड़ती
है। दौड़ती
है (पद-परिचय)- अकर्मक
क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग,
'दौड़' धातु,
वर्तमान काल,
कर्तृवाच्य। (5) क्रिया-विशेषण- यदि वाक्य में
रेखांकित 'पद' क्रिया
विशेषण है, तो हमें उसके
भेद जिससे पद संबंध
रखता हो; जैसे-
कालवाचक,
स्थानवाचक,
परिमाणवाचक,
रीतिवाचक इत्यादि के बारे
में बताना आवश्यक
है। साथ ही जिस
क्रिया की विशेषता
बताई जा रही
है, उसको बताना
भी आवश्यक है। जैसे:-
गाड़ी धीरे चल
रही है। धीरे
(पद-परिचय)- रीतिवाचक
क्रिया-विशेषण
'चल रही है'
क्रिया की विशेषता
है। (6) समुच्चयबोधक
अव्यय- यदि वाक्य में
रेखांकित 'पद' समुच्चयबोधक
अव्यय को दर्शा
रहा है, तो उसका
भेद और उसमें उपवाक्यों,
पदों, पदबंध आदि का उल्लेख
करना है। जैसे:-
हम चले गए थे परन्तु
पिताजी ने वापिस
बुला लिया। परन्तु
(पद-परिचय)- व्याधिकरण
समुच्चयबोधक
(अव्यय) दो वाक्यों
को जोड़ता है। (7) संबंधबोधक अव्यय- यदि वाक्य में
रेखांकित 'पद' संबंधबोधक अव्यय को दर्शा रहा
है, तो वाक्य
में जिन पदों
को जोड़ता है।
उनका उल्लेख करना
आवश्यक है। जैसे:-
पिताजी के बिना
हम कुछ नहीं कर
पाते। के
बिना (पद-परिचय)-
संबंधबोधक
अव्यय। (8) विस्मयादिबोधक अव्यय- यदि वाक्य में
रेखांकित शब्द
विस्मयादिबोधक
अव्यय है, तो शोक, विस्मय, हर्ष
और घृणा इत्यादि
के भावों का उल्लेख
करना आवश्यक है। जैसे:-
अरे! यह क्या हुआ। अरे
(पद-परिचय)- विस्मयादिबोधक
अव्यय (आश्चर्यसूचक) नीचे
विभिन्न तरह के
पद-परिचय के उदाहरण
दिए गए हैं। उन्हें
देखिए और समझने
का प्रयास कीजिए- (i) हिमालय पर इस वर्ष बहुत
बर्फ़ गिरी। हिमालय-
व्यक्तिवाचक
संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग,
अधिकरण कारक
। (ii) माँ ने पुत्र
को बुरी तरह मारा
। मारा-
सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग,
एकवचन, भूतकाल
। (iii) हम सातवीं
में पढ़ते हैं
। हम-
पुरुषवाचक
सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग, उत्तम पुरुष,
कर्ता कारक
। (iv) महादेवी वर्मा ने अनेक कविताएँ
लिखी । महादेवी वर्मा- व्यक्तिवाचक
संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग,
कर्ता कारक,
'कहानियाँ लिखी' क्रिया का कर्ता। (v) मेरे पास काली
साड़ी है। काली-
गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग,
एकवचन 'साड़ी'
विशेष्य का
विशेषण। (vi) घर से कुछ
तो ले आओ। कुछ-
अनिश्चयवाचक
सर्वनाम, पुल्लिंग,
एकवचन, कर्म
कारक। (vii) नेहा दसवीं
कक्षा में प्रथम
आई है। दसवीं-
संख्यावाचक (निश्चित)
विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग
'कक्षा' विशेष्य का विशेषण। (viii) नेहा घर
में बैठी है। घर
में- जातिवाचक
संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग,
अधिकरण कारक। (ix) परिश्रम सफलता की कुंजी
है। परिश्रम-
भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, 'सफलता' विशेष्य
का विशेषण। (x) मैं कुछ समय
पहले शिमला
में रहता था। रहता
था- अकर्मक क्रिया, 'रह' धातु,
एकवचन, भूतकाल,
कर्तृवाच्य,
'मैं' क्रिया
का कर्ता। पदबंध व्याकरण
में एक से अधिक
पदों के निबंधन
(नियम में बंधे
हुए) से बने व्याकरणिक
इकाई को पदबंध
कहते हैं। पदबंध
के विषय में जानने
से पहले शब्द और
पद के विषय में
जानना आवश्यक
है। ये व्याकरण
के महत्वपूर्ण
भाग हैं और पदबंध से इनका
बहुत गहरा संबंध
भी है। शब्द-
एक शब्द को जब तक
वाक्य में प्रयोग
नहीं किया जाता
है, तब तक
वह स्वतंत्र होता
है। उसका यही स्वतंत्र
स्वरुप शब्द
कहलाता है। जैसे-
कमल पद-
जब हम इसी (कमल) शब्द
को वाक्य में प्रयोग
करके लिखते हैं, तब यह वाक्य का
एक भाग बन जाता
है और 'पद' कहलाता है। वाक्य
में यह पद व्याकरणिक
नियमों से बंधा
होता है। जैसे:-
तालाब में कमल
खिले हैं। पदबंध-
इसी तरह जब एक से
अधिक पद मिल जाते
हैं और व्याकरणिक
इकाई का रुप धारण
कर लेते हैं, तब वह बंधी इकाई
'पदबंध'
कहलाती है।
(अर्थात कुछ पद
मिलकर एक ही इकाई
को दर्शाते हैं।) उदाहरण
के लिए- (i) तालाब में
कमल खिले हैं। (ii)
तालाब में सुंदर
कमल खिले हैं। (iii)
तालाब में बहुत
सुंदर कमल खिले
हैं। (iv)
तालाब में रंग-बिरंगें बहुत
सुंदर कमल खिले
हैं। रेखांकित
शब्दों को देखिए
ये सभी शब्द पदबंध हैं।
'कमल' एक पद
है। लेकिन 'सुंदर कमल', 'बहुत सुंदर कमल'
और 'रंग-बिरंगे बहुत
सुंदर कमल' पद समूह 'कमल'
से जुड़कर
एक व्याकरणिक
इकाई बना रहा है।
इससे स्पष्ट होता
है कि ये सब पदबंध हैं।
ध्यान
रखने योग्य बातें-
वाक्य रचना की
दृष्टि से ध्यान
दिया जाए, तो हमें निम्नलिखित
बातों का ध्यान
रखना आवश्यक है? (क) पदबंध
वाक्य का एक अंश
है। इसे पूरा वाक्य
समझने की भूल नहीं
करनी चाहिए। (ख) पदबंध
में एक से अधिक
पदों का समावेश
होता है। इसी कारण
यह पदबंध कहलाता
है। (ग) ये पद आपस में
इस तरह से जुड़े
होते हैं कि एक
इकाई का रुप धारण
कर लेते हैं। (घ) हर पदबंध
में एक मुख्य पद
होता है और बाकी
पद उस पर आश्रित
होते हैं। (जैसे-
'तालाब में
रंग-बिरंगें
बहुत सुंदर कमल
खिले हैं।'
में कमल मुख्य
पद हैं और रंग-बिरंगे बहुत
सुंदर आश्रित
पद हैं।) पदबंध
के भेद- पदबंध
का निर्धारण मुख्य
(शीर्ष) पद के आधार
पर होता है। पदबंध का आखिरी
पद यदि विशेषण
होगा, तो पूरा
पदबंध विशेषण
पदबंध कहलाएगा। इस
प्रकार की स्थिति
इसके अन्य भेदों
में भी लागू होती
है फिर चाहे वह
सर्वनाम, संज्ञा
कोई भी क्यों न
हो। पदबंध
के पाँच भेद माने
जाते हैं। वे इस
प्रकार हैं- (1)
संज्ञा पदबंध (2)
विशेषण पदबंध (3)
सर्वनाम पदबंध (4)
क्रिया पदबंध (5)
क्रिया-विशेषण
पदबंध (1)
संज्ञा पदबंध-
वाक्य में संज्ञा
का काम करने वाला
पद समूह संज्ञा
पदबंध कहलाता
है। उदाहरण के
लिए- (i) जंग में
मरने वाले सैनिक
आदरणीय होते हैं। सैनिक
संज्ञा पद है और
जंग में मरने वाले
पद समूह। यह पद
समूह संज्ञा पद
के साथ मिलकर एक
इकाई के रुप में
'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (ii)
मंहगे दामों पर खरीदी
वस्तु लम्बे
समय तक चलती है। वस्तु
संज्ञा पद है और
मंहगे दामों
पर खरीदी पद समूह।
यह पद समूह संज्ञा
पद के साथ मिलकर
एक इकाई के रुप
में 'संज्ञा'
का काम कर रहा
है। अत: यह संज्ञा
पदबंध हैं। (iii)
दुबला-पतला
अस्वस्थ आदमी
किसी काम का नहीं
होता है। आदमी
संज्ञा पद है और
दुबला-पतला अस्वस्थ
पद समूह। यह पद
समूह संज्ञा पद
के साथ मिलकर एक
इकाई के रुप में
'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (iv)
लोहे का नया
बक्सा उस किनारे
में रख दो। बक्सा
संज्ञा पद है और
लोहे का नया पद
समूह। यह पद समूह
संज्ञा पद के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में 'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (v)
कल बाज़ार में
बहुत रसीले संतरे
आए हुए थे। संतरे
संज्ञा पद है और
कल बाज़ार में
बहुत रसीले पद
समूह। यह पद समूह
संज्ञा पद के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में 'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (vi)भिक्षा माँगने
वाले भिखारियों
पर हमें दया रखनी
चाहिए। भिखारियों
संज्ञा पद है और
भिक्षा माँगने
वाले पद समूह।
यह पद समूह संज्ञा
पद के साथ मिलकर
एक इकाई के रुप
में 'संज्ञा'
का काम कर रहा
है। अत: यह संज्ञा
पदबंध हैं। (vii)
कलकत्ता में रहने वाली
मेरी बहन कल आ रही
हैं। बहन
संज्ञा पद है और
कलकता में
रहने वाली मेरी
पद समूह। यह पद
समूह संज्ञा पद
के साथ मिलकर एक
इकाई के रुप में
'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (viii)
शिमला में पड़ने वाली
भंयकर सर्दी को
मैंने झेला
हैं। सर्दी
संज्ञा पद है और
शिमला में
पड़ने वाली भंयकर
पद समूह। यह पद
समूह संज्ञा पद
के साथ मिलकर एक
इकाई के रुप में
'संज्ञा' का
काम कर रहा है।
अत: यह संज्ञा पदबंध हैं। (2)
विशेषण पदबंध-
वाक्य में संज्ञा
और सर्वनाम (इन्हें
ही विशेष्य कहा
जाता है) की विशेषता
को दर्शाने
वाला पद समूह विशेषण
पदबंध कहलाता
है। उदाहरण के
लिए- (i) टाइप करने वाला व्यक्ति
आज चला गया है। व्यक्ति
विशेष्य है और
टाइप करने
वाला पद समूह।
यह पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (ii)
मंहगी खरीदी हुई साड़ी
फट गई है। साड़ी
विशेष्य है और
मंहगी खरीदी
हुई पद समूह। यह
पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (iii)
नीले रंग वाली
छतरी मुझे पंसद
नहीं है। छतरी
विशेष्य है और
नीले रंग वाली
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रुप में 'विशेष्य'
की विशेषता
को दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (iv)
फूलों के मुस्कान
वाली नेहा रो रही
है। नेहा
विशेष्य है और
फूलों के मुस्कान
वाली पद समूह।
यह पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (v)
खिड़की पर खड़ा
नौजवान मेरा परिचित
है। नौजवान
विशेष्य है और
खिड़की पर खड़ा
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रुप में 'विशेष्य'
की विशेषता
को दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (vi)
चमकीली सितारों
वाली फ्रॉक
अभी पहननी
है। फ्रॉक
विशेष्य है और
चमकीली सितारों
वाली पद समूह।
यह पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (vii)
प्रतिदिन नृत्य
करने वाली दीदी
अच्छी है। दीदी
विशेष्य है और
प्रतिदिन नृत्य
करने वाली पद समूह।
यह पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (viii)
मल्हार गीत
गाता हुआ प्रेमी
अपनी प्रेमिका
का इतंजार
कर रहा है। प्रेमी
विशेष्य है और
मल्हार गीत गाता
हुआ पद समूह। यह
पद समूह एक इकाई
के रुप में 'विशेष्य' की विशेषता को
दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (ix)
राम बहुत ही
सदाचारी, वीर
और दयालु राजा
थे। राजा
विशेष्य है और
राम बहुत ही सदाचारी, वीर और दयालु
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रुप में 'विशेष्य'
की विशेषता
को दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (x)
सुंदर नैनों
वाली बालिका मेरी
पुत्री है। बालिका
विशेष्य है और
सुंदर नैनों वाली
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रुप में 'विशेष्य'
की विशेषता
को दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (xi)
सब्जी बेचने
वाला व्यक्ति
आज नहीं आया है। व्यक्ति
विशेष्य है और
सब्जी बेचने वाला
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रुप में 'विशेष्य'
की विशेषता
को दर्शा रहा
है। अत: यह पद समूह
विशेषण पदबंध
है। (3)
सर्वनाम पदबंध- वाक्य
में जब कोई पद समूह
एक इकाई के रुप
में सर्वनाम का
कार्य करता है,
तो वह सर्वनाम
पदबंध कहलाता
है। उदाहरण के
लिए- (i) जो लड़की
कल गा रही
थी वह प्यारी है। वह
सर्वनाम है और
जो लड़की कल गा रही थी पद
समूह। यह पद समूह
'सर्वनाम' शब्द के साथ मिलकर
एक इकाई के रुप
में सर्वनाम का
ही कार्य कर रहा
है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (ii)
साधुओं-सा उपदेश देने
वाले तुम आदर के
भागी हो। तुम
सर्वनाम है और
साधुओं-सा
उपदेश देने वाले
पद समूह। यह पद
समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (iii)
घर में लड़ने
वाली वह स्त्री
घर से भाग गई। वह
सर्वनाम है और
घर में लड़ने वाली
पद समूह। यह पद
समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (iv)
घर के बाहर खड़ा
मैं आपकी प्रतीक्षा
कर रहा हूँ। मैं
सर्वनाम है और
घर के बाहर खड़ा
पद समूह। यह पद
समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (v)
ईमानदारी से
चलते हुए तुम सबसे
प्यारे हो। तुम
सर्वनाम है और
ईमानदारी से चलते
हुए पद समूह। यह
पद समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (vi)
जो विद्यार्थी
खाना खाएँगे
वे शीघ्र आ जाओ। वे
सर्वनाम है और
जो विद्यार्थी
खाना खाएँगे
पद समूह। यह पद
समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (vii)
चारपाई पर लेटा
हुआ मैं सो गया। मैं
सर्वनाम है और
चारपाई पर लेटा
हुआ पद समूह। यह
पद समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (viii)
दीवार के सहारे
खड़े तुम क्या
सोच रहे हो? तुम
सर्वनाम है और
दीवार के सहारे
खड़े पद समूह।
यह पद समूह 'सर्वनाम' शब्द के साथ मिलकर
एक इकाई के रुप
में सर्वनाम का
ही कार्य कर रहा
है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (ix)
इमारत में खड़ा
कोई नीचे झाँक
रहा है। कोई
सर्वनाम है और
इमारत में खड़ा
पद समूह। यह पद
समूह 'सर्वनाम'
शब्द के साथ
मिलकर एक इकाई
के रुप में सर्वनाम
का ही कार्य कर
रहा है। अत: यह सर्वनाम
पदबंध है। (4)
क्रिया पदबंध-
वाक्य में जब एक
से ज्यादा क्रिया
पद साथ बंधकर
एक क्रिया इकाई
का निर्माण करते
हैं, तब उन्हें
क्रिया पदबंध
कहा जाता है। उदाहरण
के लिए- (i) दीदी और
मामा कल ही आए हैं। आए
और हैं क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (ii)
जल्दी से खाकर चले जाओ। खाकर, चले और जाओ
क्रिया शब्द हैं।
ये आपस में मिलकर
एक क्रिया इकाई
का निर्माण कर
रहे हैं। अतः यह
क्रिया पदबंध
हैं। (iii)
खाना पकाकर
खा लो। पकाकर, खा और लो क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (iv)
मैं आकर जाता
हूँ। आकर, जाता और हूँ क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (v)
क्या यह मंदिर
आज बंद होता है? बंद, होता और है क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (vi)
गीत कितना मधुर
सुनाई पड़
रहा है? सुनाई, पड़ और
है क्रिया शब्द
हैं। ये आपस में
मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (vii)
दीदी पढ़ाई
कर रही है। पढ़ाई, कर, रही और
है क्रिया शब्द
हैं। ये आपस में
मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (viii)
वह पढ़ते-पढ़ते
सो गया। पढ़ते-पढ़ते, सो और गया क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (ix)
गीत सुनते-सुनते
सो जाना। सुनते-सुनते, सो और जाना क्रिया
शब्द हैं। ये आपस
में मिलकर एक क्रिया
इकाई का निर्माण
कर रहे हैं। अतः
यह क्रिया पदबंध
हैं। (5)
क्रिया-विशेषण
पदबंध- वाक्य
में जो क्रिया-विशेषण
पद समूह एक इकाई
के रूप में क्रिया
की विशेषता बताने
या दर्शाने
का काम करता है,
वह क्रिया-विशेषण
पदबंध कहलाता
है। जैसे- (i) गाड़ी धीरे-धीरे
चल रही है। चल
रही है क्रिया
शब्द हैं और धीरे-धीरे
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रूप में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (ii)
हमारा घर संगम
सिनेमा के पास
है। है
क्रिया शब्द है
और संगम सिनेमा
के पास पद समूह।
यह पद समूह एक इकाई
के रूप में 'क्रिया' की
विशेषता दर्शा
रहा है। अत: यह क्रिया
विशेषण पदबंध
है। (iii)
कल की अपेक्षा
आज अधिक ठंड़ है। है
क्रिया शब्द है
और कल की अपेक्षा
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रूप में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (iv)
नेहा बहुत तेज़
गति से दौड़ रही
है। दौड़
रही है क्रिया
शब्द हैं और बहुत
तेज़ गति से पद
समूह। यह पद समूह
एक इकाई के रूप
में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (v)
बात-बात पर हँसना
अच्छी बात नहीं
है। हँसना
क्रिया शब्द है
और बात-बात पर पद
समूह। यह पद समूह
एक इकाई के रूप
में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (vi)
आपके बाद यहाँ
कौन आएगा? आएगा
क्रिया शब्द है
और आपके बाद पद
समूह। यह पद समूह
एक इकाई के रूप
में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (vii)
स्वाति ऊँचा
गाते-गाते थक गई। थक
गई क्रिया शब्द
हैं और गाते-गाते
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रूप में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (viii)
वह दौड़ते हुए
जा रहा है। जा
रहा है क्रिया
शब्द हैं और दौड़ते
हुए पद समूह। यह
पद समूह एक इकाई
के रूप में 'क्रिया' की
विशेषता दर्शा
रहा है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। (ix)
हम नीचे वाले
घर में रहते हैं। रहते
है क्रिया शब्द
हैं और नीचे वाले
पद समूह। यह पद
समूह एक इकाई के
रूप में 'क्रिया'
की विशेषता
दर्शा रहा
है। अत: यह क्रिया-विशेषण
पदबंध है। |
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